बिलासपुर लोकसभा के भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशी की निष्पक्ष और तथ्यात्मक तुलना !

           "चुनाव प्रक्रिया दूषित करते हैं, 
               अपराधी छवि वाले नेता । "
         
          'आपराधिक पृष्ठभूमि वाले लोग चुनाव प्रक्रिया को प्रदूषित करते हैं क्योंकि चुनाव जीतने के लिए अपराध में लिप्त होने को लेकर उन्हें कोई आपत्ति नहीं होती। जब लंबे आपराधिक इतिहास वाले व्यक्ति निर्वाचित प्रतिनिधि और कानून निर्माता बन जाते हैं, तो वे लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए एक गंभीर खतरा पैदा करते हैं।'

Bilaspur Loksabha Seat :-
 बिलासपुर लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं. ये सीटें हैं-कोटा, लोरमी, मुंगेली, तखतपुर, बिल्हा, बिलासपुर, बेलतरा और मस्तूरी.

बिलासपुर लोकसभा सीट पर कितने वोटर्स?
बिलासपुर लोकसभा सीट पर करीब 18,11,606 वोटर्स हैं. इनमें से 9,21,521 पुरुष मतदाता हैं जबकि 8,89,970 महिला वोटर्स हैं. पिछले लोकसभा चुनाव (2019) में 12,09,434 मतदाताओं ने मतदान किया था. मतलब यहां 67 फीसदी मतदान हुआ था.
              यहां ओबीसी वर्ग की बहुलता है। इसमें साहू व कुर्मी की जनसंख्या सबसे ज्यादा है। ओबीसी में यादव भी प्रभावी भूमिका में है। 9 विधानसभा क्षेत्र हैं यहां बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 9 विधानसभा सीटें आती हैं।
    
कॉन्ग्रेस और भाजपा प्रत्याशी की तूलना।
1 - कांग्रेस प्रत्याशी :- देवेंद्र सिंह यादव, 12वी पास, 34 वर्ष, 5 अपराधिक मुकदमे, 6 करोड़+ संपत्ति।
2 - भाजपा प्रत्याशी : - तोखन साहू, स्नाकोत्तर, 54 वर्ष , 0 आपराधिक मुकदमे , 1 करोड़+ संपत्ति।


         तोखन साहू बीजेपी का शपथ पत्र 

           देवेंद्र यादव कांग्रेस का शपथ पत्र 


           दोनो प्रत्याशियों के दिए गए शपथ पत्र के अनुसार श्री तोखन साहू पर किसी भी तरह कि FIR मुकदमा दर्ज नहीं है। 
             वही श्री देवेंद्र यादव पर कई FIR मुकदमें दर्ज है। इसमें मनी लॉन्ड्रिंग, कोयला घोटाला, धोखाधड़ी, अपराधिक साजिश, अपराध का सुपोषण, शासकीय कार्य में बाधा, संपत्ति का नुकसान, शासकीय आदेशों की अवहेलना जैसे कई अपराध दर्ज है। जिनकी सुनवाई अभी जारी है।
            कोयला घोटाला में हाईकोर्ट से इनकी अग्रिम जमानत भी खारिज हो चुकी है।
            सांसद चुने अपराधी नहीं ।



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